November 21, 2024

उत्तर बस्तर डिवीजन क्षेत्रान्तर्गत नारायणपुर-कांकेर सीमावर्ती हचेकोटी, छिंदपुर, बिनागुण्डा, पांगुड़ के जंगल में लगातार 72 घंटों तक चलाया गया था सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ अभियान’’


कांकेर/नारायणपुर । भय और हिंसामुक्त माड़ अब दूर नहीं, ग्रामीणों में जगी नक्सली भय से आजादी की आशा। नक्सल मुक्त बस्तर का हो रहा है सपना साकार।

बस्तर संभाग अंतर्गत विगत महीनों से प्रभावी नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत माड़ से नक्सलवाद का सफाया करने के उद्देश्य से नारायणपुर पुलिस के द्वारा विगत छः महीने से नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ’’ अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में बरसात में भारी बारीश के बीच उफनते नदी-नालों को पार कर सुरक्षा बलों ने 3 दिन का एक सफल अभियान चलाया । 27 अगस्त को जिला नारायणपुर से कांकेर सीमावर्ती क्षेत्रान्तर्गत उत्तर-बस्तर डिवीजन एवं  कम्पनी नम्बर 5 के बड़े कैडर के माओवादियों की उपस्थिति की आसूचना पर संयुक्त बल रवाना किया गया था।

पुलिस को उत्तर बस्तर डिवीजन क्षेत्रान्तर्गत नक्सलियों की उपस्थिति की आसूचना प्राप्त हुई थी। उक्त सूचना के तस्दीकी हेतु  27 अगस्त को नारायणपुर डीआरजी, कोण्डागांव डीआरजी, एसटीएफ  तथा बीएसएफ 135वीं वाहिनी का संयुक्त बल नक्सल विरोधी अभियान हेतु उक्त क्षेत्र में रवाना हुई थी।

अभियान के दौरान  29 अगस्त को प्रातः करीबन 8 बजे से उत्तर बस्तर डिवीजन क्षेत्रान्तर्गत नारायणपुर-कांकेर सीमावर्ती क्षेत्र के जंगल में माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलो को जान से मारने व हथियार लूटने की नियत से अंधाधुंध फायरिंग किया गया ।

पुलिस पार्टी द्वारा तत्काल पोजीशन लेकर आत्मसमर्पण हेतु आवाज दिया गया आत्मसमर्पण की बात को नक्सलियों के द्वारा अनसुना करते हुए और अधिक मात्रा में फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी के पास आत्मसुरक्षार्थ फायरिंग के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होने पर सुरक्षा बलों द्वारा मौके पर पोजिशन लेकर जवाबी फायरिंग किया गया इसके बाद रूक-रूक कर अलग-अलग टीमों के साथ लगातार मुठभेड़ हुआ। बाद खुद को घिरता देखकर नक्सली जान बचाकर घने जंगलो व पहाड़ियों की आड़ लेकर भाग गये।
फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों द्वारा अपने-अपने दिये गये टॉस्क क्षेत्र में सर्चिंग करने पर घटना स्थल के अलग-अलग स्थानों से कुल 3 महिला सशस्त्र वर्दीधारी माओवादी का शव तथा शव के पास से.303 रायफल 1 नग, 315 राइफल 2 नग, बीजीएल लांचर 1 नग, भरमार बंदुक 1 नग सहित भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ। घटना स्थल में और भी खून के धब्बे दिखाई दिये जिससे प्रतीत होता है कि इस मुठभेड़ में बडी संख्या में अन्य माआवेदियों के घायल अथवा मारे जाने की संभावना है।
‘‘माड़ बचावों अभियान’’ को सुरक्षा बलों के द्वारा मानसून में भी क्षेत्र के भौगोलिक विकट परिस्थितियों से निपटते हुए अदम्य साहस एवं बहादूरी का परिचय देते हुए माओवादियों से मुकाबला कर नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाओ अभियान’’ को सफल अभियान बनाया गया। निःसंदेह सुरक्षा बलो का माओवादियों के विरूद्ध कड़ा प्रहार है।

आपको बता दें कि लगभग 40 साल से माड़ नक्सलवाद हिंसा व भय से ग्रस्त है लेकिन अब यहाँ के मूलवासी  एवं ग्रामीण हिंसा, भय एवं नक्सलवाद से मुक्त माड़ की कल्पना कर रहे हैं। नक्सल विरोधी सफल अभियानों से विकास को गति तथा आदिवासी एवं ग्रामीणों को विचारों की अभिव्यक्ति मिल रही है।
मारे गये नक्सलियों में
लक्ष्मी,  PLGA Coy No 05, उत्तर बस्तर डिवीजन, निवासी मल्कानगिरी जिला, ओडिशा ईनामी- 8 लाख। 

सविता  ACM (Area Committee Member),  परतापुर एरिया कमेटी ,    उत्तर बस्तर डिवीजन, मानपुर-मोहाला जिले के निवासी, ईनामी- 5 लाख।
शांता ACM (Area Committee Member), परतापुर एरिया कमेटी ,  उत्तर बस्तर डिवीजन, बीजापुर जिले के निवासी, ईनामी- 5 लाख। इसमें
उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर  कन्हैयालाल ध्रुव एवं पुलिस अधीक्षक नारायणपुर प्रभात कुमार द्वारा बताया गया कि इस ऑपरेशन के उपरांत नक्सलियों के गढ़ रहे उत्तर-बस्तर डिवीजन के माओवादियों में भय का माहौल व्याप्त है। क्षेत्र को नक्सली शीर्ष नेतृत्व अपना सुरक्षित ठिकाना मानते है नक्सली नेतृत्व इस ऑपरेशन उपरांत ग्रामीणों एवं अपने निचले कैडर को दोषारोपण कर रहे हैं। सुरक्षा बलों का नक्सलियों के अटैकिंग फोर्स के स्तम्भ के ऊपर कड़ा प्रहार है। वहीं
दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें माओवादी सिद्धांतों के आकर्षण से बाहर निकलना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके। हम उन सभी मूलवासियों से जो बाहरी विचारधारा और बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गये हैं। अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद एवं नक्सली विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति को अपनाकर समाज के मुख्य धारा से जुड़े और हथियार और नक्सलवादी विचारधारा का पूर्णतः त्याग व विरोध करें।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज  सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि- प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से स्थानीय जिला पुलिस बल, डीआरजी तथा केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा आपसी बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2024 में बस्तर संभाग अंतर्गत  की जा रही नक्सल विरोधी अभियान के दौरान अब तक कुल 143 नक्सलियों के शव बरामद, 596 गिरफ्तार एवं 599 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *