December 3, 2025

जमीन हड़पने वाले भूमाफिया नरेंद्र मोटवानी समेत 4 लोगों पर दर्ज हुआ 420 का मामला….फर्जी हस्ताक्षर और सीमांकन रिपोर्ट में दूसरी महिला को खड़े करने का लगा गंभीर आरोप

बिलासपुर ।  महिला ने भूमाफिया और उसके भाइयों के खिलाफ फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करवाकर
जमीन को हथियाने का आरोप लगाया है। वहीं महिला की रिपोर्ट पर पुलिस ने चार लोगो के खिलाफ अपराध कायम कर लिया है। मामला शहर के तोरवा थाना क्षेत्र का है ।

इस संबंध में तोरवा थाना प्रभारी ने बताया कि पेंडलवार नर्सिंग होम के पास रहने वाली मीना मोटवानी ने तोरवा थाना में अपराध  दर्ज कराया है कि वह भूमाफिया से धोखाधड़ी कि शिकार हो गई है और धोके से उसके साथ जमीन का फर्जीवाड़ा किया गया है। उसकी जगह किसी और महिला को खड़े करके पूरा खेल कर दिया गया है।

दरअसल महिला मीना ने बताया कि तोरवा निवासी डूलाराम मोटवानी,नरेंद्र मोटवानी,महेंद्र मोटवानी और राजेंद्र मोटवानी ने मेरे नाम से तहसील कार्यालय में फर्जी हस्ताक्षर करवाकर सीमांकन आवेदन प्रस्तुत कर मेरे साथ धोखाधड़ी किया गया है। पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया की  दुलाराम मोटवानी और उसके परिवार के लोगों ने  तहसील कार्यालय में मेरा फर्जी हस्ताक्षर कर सीमांकन  रिपोर्ट तैयार करवा कर जमीन का कब्जा करने वाले है
जो पूरी तरह से फर्जी है
। पीड़ित महिला मीना ने पुलिस को बताया कि तोरवा पेंडलवाल नर्सिंग होम  के पास खसरा नंबर  445 रखना 0.0360 की भूमि है। जो कि मुझे विरासत से मिली हुई है।
मेरे पति रामचंद  गंगवानी  की मृत्यु के बाद मिला  है। मेरे  पति रामचंद  गंगवानी के समय से हमारे जमीन का अशोक उबरानी से जमीन का कब्जा लेने करने के संबंध में विवाद चला जा रहा है।  इसी विवाद के दौरान अशोक उबरानी ने अपने नाम की भूमि खसरा 453/09 तथा 454/10 की देखदेख तथा कानूनी कार्यवाही करने के संबंध में डूलाराम मोटवानी को आम मुख्तयार नियुक्र किया गया  था तब में उक्त प्रकरण में सभी कार्यवाही डूलाराम मोटवानी के द्वारा मेरे खिलाफ किया जा रहा है। हमारे नाम की जमीन  पर मेरे पति ने अपने जीवनकाल में बाउंड्री  बनवाया गया था । जिसे अपना जमीन का सीमा बताकर  डूलाराम मोटवानी ने  तोडवा दिया था । तथा सीमांकन  संबंधी विवाद होने पर डुलाराम मोटवानी मेरे नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर तहसील कार्यालय में 10 मार्च 2022 को एक फजी आवेदन,शपथ  पत्र प्रस्तुत कर तथा किसी अन्य महिला को मेरे नाम से तहसील कार्यालय में उपस्थित कर आर्डर सीट में मेरा हस्ताक्षर करवाकर सीमांकन रिपोर्ट तैयार करवाया गया है।  जिसके आधार  डूलाराम मोटवानी ने अतिरिक तहसीलदार के कोर्ट  में मेरे पुत्र के खिलाफ कब्जा दिलवाने के संबंध में आवेदन देकर जमीन हमारा है कहकर डुलाराम, मोटवानी नरेन्द्र मोटवानी महेंद्र मोटवानी और राजेन्द्र मोटवानी  आकर हमारे द्वारा  बनाए गए  बाउण्ड्री वाल को तोडफोड करने लगे जिससे हमारे बाउंड्री  का नुकसान  हुआ है।  इस बात की जानकारी होने पर तहसील कार्यालय में पता किया गया तो पता चला कि  मेरे  नाम की सीमांकन आवेदन तैयार करवाकर फर्जी हस्ताक्षर करवाया गया है।तब मेरे नाम से  फर्जी हस्ताक्षर करके  आवेदन प्रस्तुत करने वालो की खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई। जिसकी शिकायत एसपी के पास की गई और उसके बाद एसपी के निर्देश पर भूमाफिया समेत चार लोगो के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया।
तोरवा थाना प्रभारी का कहना है कि जमीन पर कब्जा करने वाले चार आरोपियों के खिलाफ अपराध कायम किया गया है।जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस आरोपियों के ठिकाने पा दबिश देकर खोजबीन कर रही है। लेकिन आरोपियों का पता नहीं चल पा रहा है। लेकिन उम्मीद है कि फरार आरोपी जल्द गिरफ्तार हो जायेंगे।
पुलिस ने बताया कि भूमाफिया नरेंद्र मोटवानी के खिलाफ और भी थाने में गंभीर मामले दर्ज है। सिटी कोतवाली में अपहरण और मारपीट का मामला कोटा में 420 का मामला दर्ज है।इसके साथ ही भूमाफिया की कई शिकायते लंबित है जिसकी जांच की जा रही है

भूमाफिया नरेंद्र मोटवानी पने क्षेत्र के एक गुंडा और आदतन जिला बदर बदमाश लड़के को अपने साथ रखता है और गुंडागर्दी करता है। जिसके दम पर वह खाली पड़ी जमीन और कमजोर लोगो की जमीन उसके बाद एग्रीमेंट करके कब्जा करने का काम करता है ।यही नहीं गरीबों को डरा धमकाकर जमीन पर कब्जा पाने की कोशिश में पैसों का खेल खेलता है। आपको बता दें कि
भूमाफिया नरेंद्र मोटवानी इसके पहले भी भूमि कब्जा के मामले में जेल की हवा  खा चुका है।इसके बाद भी उसकी आदत में किसी तरह का कोई सुधार नहीं आया है।बल्कि और ज्यादा जमीन का लालच करके कमजोर और लाचार लोगो को जमीनों पर कब्जा करने की नियत रखे रहता है ।

*तहसीलदार,पटवारी और आरआई भी आ सकते है गिरफ्त में*

सूत्र बता रहे है कि यह इतना बड़ा फर्जीवाड़ा है कि इस मामले में सिर्फ भूमाफिया नहीं बल्कि तहसीलदार,आरआई और पटवारी भी गिरफ्तार में आ सकते है। क्योंकि इनकी मिलीभगत के बिना कुछ नहीं हो सकता है। इसलिए पुलिस की जांच में इनका भी नाम फंस सकता है।

पीड़ित महिला का कहना है कि इसकी बारीकी से जांच करके खुलासा करना चाहिए ताकि फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।