October 30, 2025



बिलासपुर। कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म में लगे धान और अन्य चीजों के निरीक्षण में पहुंची टीम ने बारीकी से किया निरीक्षण ।
इसके बाद कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा करके किसानों और उससे संबंधित खेती को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की।

दरअसल मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉक्टर बीके दास ने कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ गीत शर्मा  के मार्गदर्शन में फार्म में लगे धान विक्रम टीसीआर के बीज उत्पादन कार्यक्रम का निरीक्षण किया। विक्रम- टीसीआर धान की एक ऐसी किस्म है जिसे 2020 में छत्तीसगढ़ के लिए खास तौर पर जारी किया गया था। इसे सफारी 17 और इंदिरा एरोबिक से  मिलकर बनाया है। इस किस्म का नाम स्वर्गीय डॉ. विक्रम साराभाई जो परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष थे, के सम्मान में रखा गया है।
ह एक सफरी-17 और इंदिरा ऐरोबीक का उत्परिवर्ती  किस्म है। यह किस्म ना सिर्फ ज्यादा पैदावार देती है बल्कि सूखा रोगों के खिलाफ भी मजबूत है। यह एक कम अवधि में तैयार होने वाली किस्म है जो 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है। इस किस्म को थरहा देने के बाद 20-25 दिन के अन्दर रोपाई करना जरूरी है। सीधी बुआई के लिए भी यह किस्म बहुत अच्छी है। कम अवधि में तैयार होने के कारण किसानों को रबी की फसल समय से लगान का फायदा किसानों को मिल जाता है।
कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा इस किस्म का बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया जा रहा है, जिसका अवलोकन बार्क के वैज्ञानिक डॉ. दास ने किया  और उन्होंने पाया की फसल की स्थिति बहुत ही अच्छी है, जिसे देख कर डॉ. दास ने जिले के किसानों हेतु अवलोकनार्थ प्रक्षेत्र दिवस आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की। इस अवसर पर उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर के वैज्ञानिकों डॉ. शिल्पा कौशिक, डॉ. अमित शुक्ला, जयंत साहू, डॉ.एकता ताम्रकार, इंजी. पंकज मिंज, डॉ निवेदिता पाठक, हेमकांति बंजारे, डॉ. चंचला रानी पटेल,  सुशीला ओहदार एवं डॉ. स्वाति शर्मा से मुलाकात कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, बिलासपुर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. संजय वर्मा आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *