

बिलासपुर। जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के बलौदा तहसील के पुलिस थाने की। जहां एक ओर पुलिस पर अवैध वसूली और कई अन्य तरह के आरोप गाहे – बगाहे लगते रहते हैं वहीं बलौदा पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। हाल ही में यहां पदस्थ हुए नगर निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव ने इस क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं के बढते ग्राफ को देखते हुए पुलिस मित्र की सहायता से लोगों की जान बचाने का अनुकरणीय उपाय सोचा। उन्होंने अपनी इस सोच से आईपीएस जांजगीर पुलिस अधीक्षक विजय पांडेय को अवगत कराया ,नगर निरीक्षक के अच्छे प्रयास को हरी झंडी दिखाते हुए एसपी ने भी उन्हें अपना मार्गदर्शन दिया और देखते ही देखते संभवत प्रदेश में पहली बार बलौदा पुलिस ने इस तरह की महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतार दिया।
कैसे हुआ योजना का क्रियान्वयन….
नगर निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव ने पहले चरण में अत्यधिक सड़क दुर्घटना वाले ब्लैक स्पाट को चिन्हित कर इन जगह में रहने वाले पशु पालकों को पुलिस मित्र योजना से जुडने का आव्हान किया। योजना के महत्व को देखते हुए आसपास के क्षेत्र के कई लोग स्वस्फूर्त तरीके से जुड़ाव के लिए तैयार हो गए। बलौदा टी आई राजीव श्रीवास्तव ने टीम में जुडने वाले लोगों को बताया की सड़क पर बैठने वाले मवेशियों के गले और सींग में रेडियम स्टीकर लगाकर अगर आपने एक भी व्यक्ति की जान बचा ली तो उसके परिवार के लोग आपको बहुमूल्य दुआ और आशीर्वाद देंगे जिससे हमें भी आत्मसंतुष्टि मिलेगी ।
सामान की व्यवस्था…
पूरी योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यही था की इसके लिए बजट की व्यवस्था कहां से की जाए। टी आई राजीव श्रीवास्तव ने इसके लिए ना सिर्फ अपना व्यक्तिगत सहयोग दिया बल्कि नगर के समाजसेवी संस्थाओं का भी इस सराहनीय पहल के लिए सहयोग मिला। बलौदा आसपास के दस गांव के 23 से अधिक पुलिस मित्र को व्यवहारिक प्रशिक्षण देकर थाना प्रभारी द्वारा सामान की किट प्रदान की गई। इस किट में रेडियम की पट्टी.रेडियम जैकेट. पुलिस मित्र का आई कार्ड जैसी चीजें शामिल हैं जो आगे चलकर लोगों की जान बचाने में सहायक सिद्ध होंगी। बिलासपुर सहित प्रदेश की अन्य स्थान की पुलिस को बलौदा पुलिस की इस अनुकरणीय पहल से सीख लेकर जनहित के कार्यों मे ध्यान देना चाहिए।

