बिलासपुर। पूरी घटना 25तारिक होली के दिन की है जहां विवेक चतुर्वेदी आपने अन्य दोस्तो के साथ सुशील कश्यप निवासी उसलापुर गीता पैलेस के घर के सामने होली मना रहे थे
तभी वहां से एक ब्लैक होंडा सिटी कार आईं जिसमें से 2आदमी निकल के गाड़ी किनारे लगाने के बात पे बहस हुईं और उतने में इक आदमी हाथ में बेस बॉस लेके विवेक को धक्का देकर गिरा दिया जब तक विवेक कुछ समझ पाते उनके बाकी साथियों ने भी विवेक और उनके अन्य साथियों से मार पिट चालू कर दिया
जब विवेक के दोस्तो ने खुल कर विरोध जताया तब होंडा कार के अंदर से किसी महिला की आवाज आई कि इनको पैर हाथ तोड दो बाकी थाने में मई सम्हाल लूंगी
aआखिर कौन थी वो महिला जिसके कहने पर वो लोग बेस बॉल, हाकी, स्टिक जैसे हथिरो से मार पिट कर विवेक को आपनी गाड़ी में बैठा कर अपहण का प्रयास कर रहें थे
मामला थाने में पंहुचने के बाद उल्टा विवेक व उनके अन्य साथियों पर ही मारपीट की धारा लगा FIR दर्ज कर लिया गया
वही विवेक के चतुर्वेदी के कहने पर डॉ दुर्गेश सिंह राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज करने के नाम पे उन्हें थाने से चलता कर दिया गया और आज घाटना को हुए 3दिन बित गये विवेक की शिक़ायत दर्ज नहि की गईं
कहते है ना अगर आप कोई अफसर नहि बन सकते तो किसे अफसर के रिश्तेदार बन जाइए आपको पूरी सुविधाए मिलेगी
जिस तरीके से पुलिस के द्वारा एक पक्छीय कार्यवाही की गई इसमे छत्तीसगढ पुलिस के आचरण को कटघरे में खड़ा करती है