

बिलासपुर। शहर के सरकंडा क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ प्रशासन की सख्ती जारी है। यहां बंधवापारा और आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से चल रही अवैध प्लॉटिंग के मामलों पर कार्रवाई करते हुए नायब तहसीलदार नेहा विश्वकर्मा ने एक बड़ा कदम उठाया है। खसरा नंबर 163/50 की जमीन पर छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजन और बिना किसी लेआउट या अनुमति के बिक्री किए जाने पर नायब तहसीलदार ने रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए उप पंजीयक को पत्र जारी किया है।
भूमाफिया के दबाव के बावजूद कार्रवाई
अवैध प्लॉटिंग रोकने के इस अभियान के दौरान कुछ भूमाफियाओं द्वारा शासन-प्रशासन पर दबाव डालने की भी शिकायतें मिली हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध गतिविधियों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
स्पष्ट दिशा-निर्देश
एक मामले में, खसरा नंबर 163/1 की भूमि के संदर्भ में क्रांति कुमार दुबे द्वारा शपथ पत्र पेश किया गया, जिसमें उन्होंने 1.40 एकड़ भूमि को एकमुश्त बेचने की इच्छा जताई। प्रशासन ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई लेकिन छोटे टुकड़ों में विभाजन और बिक्री पर सख्त रोक लगाई है।
आम जनता के लिए अपील
नायब तहसीलदार ने आम जनता से अपील की है कि जमीन खरीदते समय सतर्क रहें और सभी कानूनी दस्तावेजों की जांच अवश्य करें। खसरा नंबर 163/50 की रजिस्ट्री पर रोक लगाई गई है, और अवैध प्लॉटिंग के अन्य मामलों की भी जांच की जा रही है।
इस मामले पर नेहा विश्वकर्मा (नायब तहसीलदार, बिलासपुर) का कहना है कि आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
