बिलासपुर/भू माफियाओ के अवैध प्लाटिंग मे भाजपा सरकार ने जो कार्यवाही की थीं जिसमें अवैध प्लॉटिंग का गोरख धंधा बंद पड़ा और पंजीयन में भी़ रोक लगा दीया गया था । नतीजा संपत्ति की खरीदी बिक्री से मिलने वाला राजस्व घट गया.
इस साल जिला पंजीयन विभाग इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया । बताया जा रहा कच्ची प्लाटिंग पर रोक लग जाने से साल के अंत मे इस पर ब्रेक लगाया गया। वही रजिस्ट्री कराने आए लोगों से साल भर गुलजार रहने वाला पंजीयन कार्यालय मे मार्च का महीना होने के बावजूद पहले जैसी रौनक नही रही. पंजीयन कार्यालय के अधिकांश लोग दस्तावेज लेखक, स्टांप वेंडर खाली बैठे नजर आए। वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन भी रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या ना के बराबर दिखी. इस साल विभाग अपने लक्ष्य से पीछे रह गया। एक दशक मे ऐसा पहली बार हुआ है। इससे पहले जिला पंजीयक टारगेट से अधिक राजस्व प्राप्त करता था।
बता दें भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ में बनते ही शहर में अवैध प्लाटिंग व प्लॉटिंग करने वालों के खिलाफ लगातार कारवाही की और जमीनों की और जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी गई और प्लाटिंग करने वाले जमीन मालिकों पर FIR कर तोड़फोड़ की कार्यवाही, लगातार देखने को मिली यही वजह है कि क्रेता और विक्रेता के बीच तालमेल बिगड़ गया ।यहां तक की नवनिर्वाचित जन प्रतिनिधि भी अपने विकास के मुद्दों को भूलाकर कच्ची प्लाटिंग करने वालों पर कार्यवाही के लिए प्रशासन और नगर निगम पर दबाव बनाते गये और हुआ यूं कि सरकार के सरकारी खजाने में जितना रजस्व आना था वह नहीं आ पाया।