तखतपुर। नगर में कांग्रेस सेवादल एवं एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के तत्वाधान में बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर बाल गंगाधर तिलक की छाया चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत किया गया।
जिसमें कांग्रेस सेवादल के प्रदेश महासचिव प्रदीप ताम्रकार ने बताया कि 1891 ई० में बाल विवाह को प्रतिबन्धित करने वाला एक प्रस्ताव लाया गया, जिसे ‘मालाबारी प्रस्ताव’ कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप एक अधिनियम पारित हुआ, जिसे ‘आयु सम्मति अधिनियम° कहा गया, जिसमें 12 वर्ष से कम आयु की कन्याओं के विवाह पर रोक लगा दी गयी। इस अधिनियम का बाल गंगाधर तिलक ने विरोध किया था । वहीं युवा नेता एवं तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के एनएसयूआई अध्यक्ष सत्यम कुमार ताम्रकार ने बताया कि लोकमान्य तिलक स्वराज के सबसे पहले और मजबूत अधिवक्ताओं में से एक थे। वे भारतीय अन्तःकरण में एक प्रबल आमूल परिवर्तनवादी थे। उनका मराठी भाषा में दिया गया नारा “स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच” (स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर ही रहूँगा) बहुत प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने बिपिन चन्द्र पाल, लाला लाजपत राय, अरविन्द घोष और वी० ओ० चिदम्बरम पिल्लै आदि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई नेताओं के साथ भारत के स्वराज के लिए निकट सहयोग किया।
इस अवसर पर कांग्रेस सेवादल के प्रदेश महासचिव प्रदीप ताम्रकार एनएसयूआई के तखतपुर विधानसभा अध्यक्ष सत्यम ताम्रकार शिव सोनी,नवीन देवांगन, हेमंत कश्यप, सुनील कश्यप, जीतू कश्यप, दिलीप , किशन, राकेश यादव , ध्वज राम धुरी आदि सहित कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे ।