August 1, 2025

छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला सचिव गंगा मानिकपुरी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से की मांग

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ, बिलासपुर के जिला सचिव गंगा मानिकपुरी ने रायपुर और बिलासपुर में पत्रकारों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज के चौथे स्तंभ के रूप में कार्य करते हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यावश्यक है।

गंगा मानिकपुरी ने अपने बयान में कहा कि पत्रकारों को अपने कार्यक्षेत्र में किसी भी प्रकार की असुरक्षा का सामना नहीं करना चाहिए। पत्रकार अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए समाज और प्रशासन के बीच सेतु का काम करते हैं। ऐसी घटनाएं न केवल पत्रकारों के मनोबल को गिराती हैं, बल्कि लोकतंत्र को भी कमजोर करती हैं।

उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं से अपील की है कि वे इन घटनाओं को गंभीरता से संज्ञान में लें और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं। श्री मानिकपुरी ने पत्रकार सुरक्षा कानून की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उचित कानून बनाया जाना चाहिए।

यह घटना समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि पत्रकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। श्री मानिकपुरी ने यह भी कहा कि पत्रकारों को निर्भय होकर अपना कार्य करने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए, ताकि वे बिना किसी भय के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

पत्रकार संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है, जिससे राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

शुक्रिया…ये संदेश दूर तक जाएगा
पत्रकारों पर हमले के बाद जो कार्रवाई हुई है, उसका संदेश दूर तक जाएगा। बिलासपुर में दैनिक भास्कर फोटो जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता और रायपुर के मेकाहारा में हुए पत्रकारों पर हमले के बाद पुलिस प्रशासन की सख्ती सख्त संदेश दे रही है। जैन्विन मामलों के लिए पत्रकारों की एकता भी ज़िंदाबाद है। मुसलसल ये सिलसिला जारी रहना चाहिए।

ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना, हामी भर देना
बहुत हैं फायदे इसमें मगर अच्छा नहीं लगता

…कई साथी होंगे, जिनकी मजबूरियों ने हामी भर दी होगी, लेकिन फिर भी पत्रकारों की एकता का पैग़ाम जहां पहुंचना था, पहुंच गया। पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई की, उसके लिए शुक्रिया, लेकिन ये डर इतना फैलना चाहिए कि कोई भी गुंडा कुछ हरकत करने से पहले मुंडे हुए सर जरूर याद करे। इसी तत्परता की जरूरत है। पुलिस मित्र की अवधारणा के हम खिलाफ नहीं, लेकिन बेसिक पुलिसिंग, जिसमें अपराधियों में पुलिस का भय जरूरी है, होना ही चाहिए।

बिलासपुर में फोटो जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता और उनके पिता अशोक गुप्ता पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल बताते हुए दोषी गुंडा तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पत्रकार समाज के चौथे स्तंभ हैं, जो अपने कार्यों के माध्यम से जनहित में आवाज उठाते हैं। ऐसे में उन पर हमला न केवल लोकतंत्र पर प्रहार है, बल्कि यह समाज में अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस का संकेत भी है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मामले की गहन जांच करने और सभी आरोपियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दिलाने की अपील की।

छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला सचिव मानिकपुरी ने यह भी चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो पत्रकार संघ इसे लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम लागू करने की भी मांग की। इस घटना को लेकर प्रशासन की तत्परता को सराहा, लेकिन साथ ही गुंडा तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर पूर्ण अंकुश लगाने पर जोर दिया।

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