मामला वर्ष 2013 से 2015 का
सिमगा तहसीलदार ने ज्ञापन में माना कि उपरोक्त रिकॉर्ड नहीं है
रायपुर। जमीन से संबंधित सभी रिकॉर्ड का लेखा-जोखा रखने वाला राजस्व विभाग को काफी महत्वपूर्ण विभाग माना गया है जहां पर जमीन से संबंधित सारे कार्य होते है, किंतु इन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के सिमगा तहसील कार्यालय भारी चर्चा का विषय बना हुआ है जहां से पांच साला खसरा व नामांतरण पंजी रिकॉर्ड रूम से ही नदारत है
आपको बता दें कि जिसकी पुष्टि स्वयं तहसीलदार ने ही अपने पत्र में की है
हाल ही में सिमगा तहसील कार्यालय का एक मामला प्रकाश में आया है सिमगा तहसील के अंतर्गत ग्राम तुलसी पटवारी हल्का नंबर 1 मैं स्थित भूमि जिसका खसरा नंबर 5/6,5/9,7/1,7/2,8/2,8/3,
12,11,54/1 55,56/1,61/1,
61/2,171/12,171/16,
171/21,189/4 कुल रकबा 14 एकड़ के आसपास जमीन थी जो वर्ष 2012 में मेसर्स उमा एसोसिएट रायपुर के नाम पर दर्ज था वही इस खसरा पांचसाला का वर्ष 2013 से 2015 तक की प्रतिलिपि नकल लेने हेतु एवं नामांतरण पंजी के प्रतिलिपि लेने आवेदक की ओर से अधिवक्ता रूपेश सदाफले के द्वारा 24 जुलाई 2024 को सिमगा तहसील कार्यालय में आवेदन लगाया गया था तत्पश्चात सिमगा तहसीलदार ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि उपरोक्त वर्षवार खसरा पांचसाला व उस वर्ष की नामांतरण पंजी यहां के कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध है ही नहीं जिस कारण इसकी प्रतिलिपि नहीं दी जा सकती अब सवाल यह उठता है इतना महत्वपूर्ण राजस्व दस्तावेज का रिकॉर्ड रूम में नहीं होना इस बात को दर्शाता है की राजस्व विभाग के खासकर तहसील कार्यालय में किस तरह के लापरवाही हो रही है वह उस आवेदन से स्पष्ट हो जाता है जिसे स्वयं तहसीलदार ने पत्र में उल्लेखित किया वैसे नामांतरण पंजी संबंधित हल्का पटवारी के पास ही होता है जिसे रिकॉर्ड रूम में जमा करना जरूरी होता है वर्ष 2013 में उस हल्के में जो पटवारी पदस्थ रहा है वह नामांतरण पंजी जमा किया कि नहीं यह जांच का विषय है बहरहाल इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए की इतना महत्वपूर्ण राजस्व दस्तावेज क्यों नहीं मिल पा रहा है ।