तखतपुर । नगर में कल कांग्रेस सेवादल एवं एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के तत्वाधान में क्रांति दिवस मनाया गया ।
इस अवसर पर कांग्रेस सेवादल के प्रदेश महासचिव प्रदीप ताम्रकार ने बताया कि 9 अगस्त 1942 को अगस्त क्रांति का एलान किया गया जिसके कारण 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे का इतिहास है कि जुलाई 1942 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित किया कि अगर अंग्रेज अब भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ देशव्यापी पैमाने पर नागरिक अवज्ञा आंदोलन चलाया जाएगा।
भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए तमाम छोटे-बड़े आंदोलन किए गए। अंग्रेजी सत्ता को भारत की जमीन से उखाड़ फेंकने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में जो अंतिम लड़ाई लड़ी गई थी उसे ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से जाना गया है। इस लड़ाई में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा देकर अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए पूरे भारत के युवाओं का आह्वान किया था। यही वजह है कि इसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ या क्विट इंडिया मूवमेंट भी कहते हैं। इस आंदोलन की शुरुआत 9 अगस्त, 1942 को हुई थी, इसलिए इसे अगस्त क्रांति भी कहते हैं। इस प्रकार से विधानसभा तखतपुर अध्यक्ष एनएसयूआई सत्यम ताम्रकार ने बतया की आजादी के इस आखिरी आंदोलन को छेड़ने की भी खास वजह थी। दरअसल, जब द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ तो अंग्रेजों ने भारत से उसका समर्थन मांगा था, जिसके बदले में भारत की आजादी का वादा भी किया था।
भारत से समर्थन लेने के बाद भी जब अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्र करने का अपना वादा नहीं निभाया तो महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ अंतिम युद्ध का एलान कर दिया। इस एलान से ब्रिटिश सरकार में दहशत का माहौल बन गया।
, इस अवसर पर कांग्रेस सेवादल के प्रदेश महासचिव प्रदीप ताम्रकार एनएसयूआई के तखतपुर विधानसभा अध्यक्ष सत्यम ताम्रकार शिव सोनी,नवीन देवांगन, हेमंत कश्यप, बिनेस्वर सोनकर , बहोरन कौशिक , नद कौशिक ,पुनाराम धुव्र जगदीश धुव्र भागवत प्रसाद कौशिक , दिलीप कौशिक ,लेखराम यावद ,रवि कौशिक आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।